चुनाव आयोग (Election Commission) ~ Mjgyaan

Wednesday, March 27, 2019

चुनाव आयोग (Election Commission)

चुनाव आयोग 






अनुच्छेद  324 (1) -                                                   

  • चुनाव आयोग की स्थापना 
  • 25 जनवरी 1950 (मतदान का दिन)
61 वा संवैधानिक संशोधन - दो अन्य चुनाव कमिसनर की जोगवई. 

शपथ

चुनाव आयोग के सभ्यो की निमणुक रास्ट्रपति द्वारा की जाती हे.  

शक्ति

  •  चुनाव का मतदान क्षेत्र का प्रवचन या गिनती कराना. 
  •  राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति , संसद , और विधान मंडल की चुनाव का नियंत्रण और निर्देश करना. 
  • आचार संहिता तैयार करना. 
  • राष्ट्रपति शासन के एक साल बाद चुनाव करने का निर्णय लेना. 
  •  राज्य विधान सभा के आम चुनाव को स्थगित कर देना. लेकिन कोइक कारन सर. 

कार्यकाल -

  • 6  साल या 65 साल दोनों मेसे जो पहला आएगा उसीसे कार्यकाल का निर्णल लिया जायेगा. 

राज्य चुनाव आयोग 

  • साल 1992 में पंचायत चुनावों के लिए 73  व संविधान संसोधन किया गया और इसके लिए मतदान सूचि तैयार करने के लिए भाग 9  की अनुच्छेद 243 (K) को डाला गया. 
  • 1992  - 74 संवैधानिक संशोधन हुआ जिसमे - नगरपालिका के चुनाव शामिल किये गए. 

चुनाव विधि

चुनाव सिस्टम
1 ) फर्स्ट पास्ट थे पोस्ट - भारत में जहा जहा प्रत्यक्ष मतदान होता हे वो सभी जगह. 
2 ) आनुपातीक प्रतिनिधित्व - राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यसभा और विधानसभा

परिसीमन आयोग

  • चुनाव आयोग का पहला काम मतदान क्षेत्र का सीमांकन करना हे. इसमें १० साल की जनगणना पर ध्यान दिया जाता हे. 
  • चुनाव आयोग इस कार्य के लिए परिसीमन आयोग का गठन करती हे. 

अनुच्छेद 82 -
  • संसद को प्रत्येक जनगणना को संकलित करने के बाद नित्ययोग का गठन करना होगा.
वर्त्तमान मा 2001  की जनगणना को ध्यान में लिया जाता हे.

सभ्य -

  • मुख्य चुनाव कमिशनर ,दो सर्वोच्च न्यायलय या एक सेवानिवृत सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और प्रत्येक राज्य से दो से सात सहायक सभ्य की निमणुक की जाती हे. 

चुनाव आयोग के कार्य

  • चुनाव समिति संसद या राज्य विधायिका की सरकार की सहमति से चुनाव कार्यक्रम तय करती है।
  •  चुनाव आयोग राष्ट्रपति या राज्यपाल के आदेश के अनुसार चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा की जाती हे। 
  • जिन उम्मीदवारों ने चुनाव के लिए उम्मीदवार के नामांकन का प्रस्ताव किया है, वह उम्मीदवार जो निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, यह जांचता है कि क्या वह मतदाता है। ।
  •  फॉर्म की पूर्णता तिथि के बाद, चुनाव अधिकारी उम्मीदवार के फॉर्म की जांच करता है। जिसमें कोई गलती या अधूरी जानकारी जो उम्मीदवार के फॉर्म को रद्द कर सकता है। उसके बाद, उम्मीदवारों को अपना फॉर्म वापस लेने के लिए 2 दिन दिए जाते हैं। चुनाव अधिकारी फिर योग्य उम्मीदवारों की अंतिम सूची की घोषणा करता है और स्वतंत्र उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न आवंटित करता है।
  • चुनाव में वापसी के दिन से कम से कम 20 दिन चुनाव के लिए दिए जाते हे। 
  • वैध राजनीतिक दल प्रत्येक मतदान केंद्र पर चुनावी प्रक्रिया की निगरानी के लिए अपने प्रतिनिधि मतदान एजेंट नियुक्त कर सकते हे। 
  • आम तौर पर चुनाव आयोग द्वारा लगभग 1500 मतदाताओं तक एक मतदान केंद्र का आयोजन किया जाता हे। 
  • 1 /6  से काम मतदान मत मिलनेवाले उम्मीदवार की चुनाव डिपॉजिट जप्त की जाती हे। 



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